यूपी में स्पेशल टॉस्क
फोर्स (एसटीएफ) ने बुधवार सुबह एक लाख रुपये इनामी अपराधी बग्गा सिंह को मुठभेड़
के दौरान मार गिराया. निघासन इलाके में हुई मुठभेड़ में बग्गा सिंह को एसटीएफ ने
गोली मारकर जख्मी कर दिया था. उसके बाद सीएचसी ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत
घोषित कर दिया.
शातिर अपराधी बग्गा
सिंह पूरे उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए एक बड़ी मुसीबत बन गया था. कई गम्भीर मामलों
में जेल की सजा काट रहा बग्गा 10 सितम्बर 2013 को पुलिस की सुरक्षा
से भाग निकला था. बग्गा के भागते ही उस पर 50 हजार का इनाम घोषित
हुआ था. बीते दिनों इनाम बढ़ाकर एक लाख कर दिया गया था. 23 जनवरी 2015 को कचहरी में पेशी के
दौरान हिरासत से भागने के एक महीने बाद ही एक सिपाही की हत्या कर बग्गा ने 25 हजार के इनामी कैदी
सचिन गुप्ता उर्फ डालू चधौरी को जेल से छुड़ा लिया था. इस दौरान कैदी बग्गा सिंह अपने
दो अन्य साथियों के साथ फरार हो गया था.
पुलिस सूत्रों ने
बताया कि बग्गा के निघासन में होने की सूचना एसटीएफ को मिली थी, जिसके आधार पर
मंगलवार सुबह एसटीएफ के अधिकारी वीर विक्रम सिंह की अगुआई में ये ऑपरेशन चलाया
गया. निघासन पुलिस भी इस ऑपरेशन में साथ थी. पुलिस ने घेराबंदी की तो उसने फायरिंग
शुरू कर दी.
जिसका जबाब देते हुए पुलिस
ने भी फायरिंग की, जिसमें
बग्गा जख्मी हो गया. जख्मी हालत में निघासन सीएचसी लाया गया, जहां उसकी मौत हो
गयी. जिले के पुलिस अधीक्षक एस. चनप्पा ने बग्गा के मुठभेड़ में मारे जाने की
पुष्टि की है. बग्गा सिंह लूट, अपहरण, रंगदारी, हत्या के कई मामलों
में वांछित चल रहा था.
बग्गा
का साथी डालू तीन साल पहले ही मारा जा चुका है. उस पर भी हत्या, रंगदारी वसूलने, धमकी देने और कैदियों
को पुलिस के कब्जे से छुड़ाने समेत 13 मुकदमे दर्ज हैं. इस
मुठभेड़ में बग्गा सिंह पुलिस की घेराबंदी तोड़ कर
बिहारीपुरवा की ओर निकल गया था. बग्गा तराई क्षेत्र का खूंखार अपराधी माना जाता
था.
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