शास्त्रों के अनुसार श्रावण महीना भगवान शिव को प्रिय होने के साथ साथ मनोकामनाओं को पूरा करने का महीना भी होता है। श्रावण मास को वर्ष का सबसे पवित्र महीना माना जाता है। इस महीने में विवाह सम्बंधित सभी परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है। इसलिए सारे भक्त गण भोले नाथ का पूजा पाठ बड़े ही सच्चे मन से करते है। पूरे देश में सावन के महीने को एक त्योहार की तरह मनाया जाता है और इस परंपरा को लोग सदियों से निभाते चले आ रहे हैं। भगवान शिव की पूजा करने का सबसे उत्तम महीना होता है सावन लेकिन क्या आप जानते हैं कि सावन के महीने का इतना महत्व क्यों है और भगवान शिव को यह महीना क्यों प्रिय है? आइए जानते हैं इसके पीछे की मान्यताओं के बारे में
कहा जाता हैं सावन भगवान शिव का अति प्रिय महीना होता हैं। इसके पीछे की मान्यता यह हैं कि दक्ष पुत्री माता सती ने अपने जीवन को त्याग कर कई वर्षों तक श्रापित जीवन जीया। उसके बाद उन्होंने हिमालय राज के घर पार्वती के रूप में जन्म लिया। पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए पूरे सावन महीने में कठोरतप किया जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उनकी मनोकामना पूरी की। अपनी भार्या से पुन: मिलाप के कारण भगवान शिव को श्रावण का यह महीना अत्यंत प्रिय हैं। यही कारण है कि इस महीने कुमारी कन्या अच्छे वर के लिए शिव जी से प्रार्थना करती हैं। मान्यता हैं कि सावन के महीने में भगवान शिव ने धरती पर आकार अपने ससुराल में विचरण किया था जहां अभिषेक कर उनका स्वागत हुआ था इसलिए इस माह में अभिषेक का महत्व बताया गया हैं....धार्मिक मान्यताओं के अनुसार श्रावण का महीना भगवान शिव और विष्णु का आशीर्वाद लेकर आता है। माना जाता है कि देवी पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए पूरे श्रावण माह में कठोरतप करके भगवान शिव को प्रसन्न किया था। यह महीना भगवान शिव के पूजन लिए खास महत्व रखता है।
सोमवार का प्रतिनिधि ग्रह चंद्रमा है। यह मन का कारक माना जाता है। चंद्रमा भगवान शिव के मस्तक पर विराजमान है। यही वजह है कि भगवान शिव अपने भक्त के मन को नियंत्रित करके रखते हैं। सोमवार का दिन शिवजी की पूजा के लिए खास माना जाता है। हिंदू मान्यता के अनुसार सावन के सोमवार पर शिवलिंग की पूजा करने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है। कुंवारी लड़कियां मनचाहा वर प्राप्त करने के लिए सावन के सोमवार का व्रत रखती हैं। और तमाम प्रकार की समस्याओ का समाधान करते है भोले बाबा